Shayari For Girlfriend | Love Shayari For Girlfriend
Love Shayari |
1.
तुम्हारे पास रहुं तो कुछ इशारा कर देना..
अपनी सांसों को बस मेरे पास कर देना..
है गर इजाजत तों चूम लूं तेरे होंठ..
अपनी सिसकियो से आज सारी हदें पार कर देना।
2.
भीगी जुल्फों से वो भीगा एहसास है गर्दन को चूमते हुए तेरी पीठ पर बिखरा है भीगो के तेरे अंग और लिबास को मेरे ही ईमान में शरारत को घोला है...।
हटा दूं लिबास या चूम लूं उस बूंद को, या चूम कर तुम्हें, जला दूं उस बूंद को बगावत की राह पे वो काफिर बड़ी बेशर्मी से तेरी कमर की ओर पिघला है।
अपनी हरकतों को आज तुम टहर जानें दो इस नशेमन को आज, वही संवर जानें दो, करीब आकार गुनाहो के बहाने, उस कतरे में आज मैंने रूमानियत को घोला है।
3.
कतरा कतरा तेरे इश्क का दिवाना हो गया,
भीगे होठों से ऐसा पैगाम जो किया,
चलती रहे धड़कन और होठों को अंजाम यूं दिया,
तेरे तरासे बदन को संगमरमर सा किया
एक एक बूंद तेरे लबों से जाम सा पिया
लिपट जाओ मुझसे अपने जिस्म की तरह
तेरे हुस्न का मैंने इबादत जो किया है।
4.
हुस्न-ए-दरिया का बखा ना करो 'कहानी' लिखकर,
प्यासा क़तरा भी डूब गया साहिल पे 'पानी' लिखकर ।
5.
कभी प्यार की रेशमी सी सहर हो, कभी याद की सुरमई शाम हो तुम।
जिसे हर पहर मैं लबों से लगाऊँ, फ़लक से छलकता हुआ जाम हो तुम।
मिरे शेर में अक्स हो तुम ख़ुदा का, गज़ल में पुकारा हुआ नाम हो तुम ।
दवा हो मेरे जख्म की तुम मेरी जां, मिला दर्द में वो ही आराम हो तुम।
6.
तन्हाईयों को फिर एक जवाब दे सकती हो।
तुम चाहो तो दो घूंट शराब दे सकती हो।
तुम्हारा इश्क़ मरा नहीं है, मुझमें अभी,
तुम चाहो तो फिर एक ख़्वाब दे सकती हो।
7.
मैं तेरे बनाए ख़्वाबों के शरह में बैठा हूँ..!!
जो किया था मुझसे उस प्यार में बैठा हूँ..!!
तेरा वादा था एक दिन लौटकर आने का,,
जाना, मैं आज भी तेरे इंतजार में बैठा हूं...!!
8.
कस्ती भंवर में हैं भंवर में रहने दो
मेरा हाथ तुम अपनी कमर पर रहने दो
करीब आने से बहक जाता हूं मैं
सबर में हूं यार सबर में रहने दो
मत रोको अगुलियों को बदन के रास्ते पर,
सफ़र पर निकली है सफ़र पर ही रहने दो।
9.
तुम्हे नही ज़रूरत, किसी रंग, लाली या खिजाब की,
तू खुद पाक शबनम सी है, सुर्खी है तुझमें गुलाब की।
तेरे चलने पर, तेरी चोटी, कमर पर यूं बल खा जाती है,
जैसे मेरे दिल पर से बह जाती हो, लहरें चिनाब की ।
10.
तुमने खुद से जुदा किया हमको, सनम फिर भी नहीं गिला हमको।
गर सफर काटना जरूरी है, तो क्यों नहीं मिला हमसफर हमको।
दिल गुमसुम सा रहता है, जब उसकी चुप्पी ने सब कहा हमको।
जितने भी धोखे मिले सब बेहिसाब थे, एक सच्चे इश्क का कोई पता नहीं हमको।
थी मोहब्बत से मोहब्बत हमें, यार तुमने बदल दिया हमको।
जिसने कभी इश्क़ करना सिखाया था, आज वो क्यों दे गया
दगा हमको।
जिससे मिलकर मिले थे ख़ुद से हम, वो सख्श ही ना मिला हमको।
11.
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