Shayari For Girlfriend - Shayari love for gf
Shayari For Girlfriend |
1
किरदार गढ़ते-गढ़ते खुद किरदार न हो जाना।
चलो किरदार हो जाना तो हो जाना
पर अपने ही घर में किराएदार न हो जाना!
2
आँखों की खिदमतगार पलकें जैसे कोई साज है, बेशकीमती शख्स की आँखों पर उनका राज है।
खूबसूरती से तरासी हुई मोहब्बत की इमारत है, समझो नाचीज़ उनके आगे कई कई मुमताज़ है।
उनकी मुस्कुराहट पर मेरी लाखों ग़ज़लें कुर्बान है, इनको बनाकर खुदा को अपने हाथों पर नाज़ है।
भूल हुई मुझसे जो पलटकर नहीं देखा इनको, यकीनन मेरी आँखें तो मुझसे आज भी नाराज़ है।
तन्हाइयों में गुजरती है आज कल जिंदगी हमारी, काश में कह पाता तू मेरा कल है और आज है।
3
अगर मैं दिन हूँ तो रात का पहर हो तुम, मैं खिलखिलाती सुबह तो दोपहर हो तुम ।
मैं सादगी से भरा शांत चित्त वाला गांव हूँ, भागदौड़ भरी जिंदगी वाला शहर हो तुम।
मैं तो बेबस किनारा हूं, तेरी यादों को समेटे, मदमस्त अदाओं से बहती नहर हो तुम।
खूबसूरती से इस कदर बिजली गिराती हो, इन आशिकों के लिए जैसे कहर हो तुम।
कच्ची कच्ची नाजुक नरम कलाई तुम्हारी, मानों समंदर में उठती कोई लहर हो तुम।
अभय फिर भी चखना चाहता हूं तुमको, जानता हूं बर्बाद हो जाऊंगा जहर हो तुम।
4
छूकर तेरी कमर को,
बिताती है पूरे पूरे दिन को,
वाह क्या जिन्दगी मिली है,
तेरी इस साड़ी वाली पिन को.।
5
यार वजह ना पूछो क्या होता है ये बिछड़ जाना,
किसी बुलबुल से पूछो गुलशन का उजड़ जाना।
6
कब तक रहूंगा मैं इन अनजान सी राहों में, अब तो जीने की चाहत है बस तेरी बाँहों में ।
सरगम बनकर बसती हो तुम मेरी सांसों में, हर एक याद बसा कर रखता हूं अहसासों में।
तुमको ढूंढता हूं फूल पतीं और शाखों में, कभी तो नज़र आया करो मेरी आंखों में।
कुछ तो ढूंढता हूं आज कल तेरी बातों में, तुम ख़्वाब बनकर आजाया करो रातों में।
मैंने कई शाम गुजार दी तेरे बिन यारो में, मैं बेजान सा रहता हूं, प्यार की बहारों में।
अभय इंसान का मोल भाव होता है भावों में, मैं कब तक याद करूंगा तुमको ख्वाबों में।
7
तुम्हारे बाँहों में मुझको घूमने दो तुम्हारे होंठो को थोड़ा चूमने दो ।
आज सोए इरादों को जागने दो, कुछ रफ्तार से इनको भागने दो।
जुल्फों को आजादी से छोड़ने दो, मैं तुमको तोडू तो फिर जोड़ने दो।
मेरी सांसों में सांसों को घुलने दो, इन होठों को आपस में मिलने दो।
तेरे बदन की अंगड़ाई को तोड़ने दो, तुम्हें चौसठ कलाओं में मोड़ने दो।
फिर मेरी तहज़ीब को भूलने दो, , हमारे सांसे थोड़ा सा फूलने दो।
अभय दांतों को कुछ काटने दो । तुझको मुझमें थोड़ा सा बाटने दो।
8
ये जो इनका महकता हुआ खुशबू सा बदन है, बहुत अफसोस किसी के ख्वाबों का चमन है।
ना जाने कितने फूलों के जैसे दिल तोड़ते हैं मर जाते है आशिक जो इनसे दिल जोड़ते है।
अक्सर फिजाओं की सरजमीं महक जाती है, किसी की पसंदीदा साड़ी पहन कर आती है।
इनकी लिपस्टिक की शेड जानलेवा होती है बोले तो लगता है मोहब्बत के बीज बोती है।
कानो में झुमके इनके आपस में टकराते है मानों घने रेशमी बाल कुछ कह कर इतराते है।
इनके रूट जाने की हमको बहुत सिखाती है, कोई तो होगा जिसकी जान निकल जाती है।
9
तेरे पंखुड़ी जैसे होंठ कतई दूध मलाई है ऊपर से तेरा हुस्न एकदम दियासलाई है
यार वो खुदा भी कमाल का हलवाई हैं उसने तेरे जैसी काजू कतली बनाई है।
नब्ज रुकी हुई और बेचैन मेरी कलाई है, मेरे बेचैन दिल की सिर्फ तू ही दवाई है।
कागजी बदन की लाजवाब सिलाई है, खूबसूरत सी पलकें सिद्धत से
मिलाई है।
तेरे जुल्फों के शहर में बड़ी महंगाई है, उस पर जानलेवा ये कमर की गोलाई है।
10
कह ना सकूं आंखों से समझ ले ऐसा दिलदार बहुत है खुद से ज्यादा मेरा ख्याल तुम्हें, तुमपर ऐतबार बहुत है
दूर हो सही तुम मगर अहसास मेरा ही स्मरण है तुम्हे एक नजर देख लेते हो मेरे लिए यही व्यवहार बहुत है
फिसलती जिन्दगी को संभाला, हुनर आम नहीं है यह काबिलेतारिफ है तू लाजवाब तुम्हारा किरदार बहुत है
अपनी खुशी के लिए पतंग बाजी नहीं कर सकता मैं दर्द समझता हूं मुझे आसमा के परिंदों से प्यार बहुत है
तुझे देखना तुझे सुनना तुझे पढ़ना सकूं देता है मुझे ऐसे तो आते रहते है घर में दिनभर अख़बार बहुत है
11
मोहब्बत है तो मोहब्बत का हक अदा कीजिए ,
ऐसे बेरुखी दिखा कर ना हमे ग़म जदा कीजिए ,
दवाओं से कहां ईलाज होता मरीज ए इश्क का ,
तुम जरा पास बैठो मेरी तबियत में इजाफा कीजिए
12
बड़ा नाजुक बदन है उसके चोट लगने से डरता हूं वो नहीं आता जब, ख्यालों से खालीपन भरता हूं
मैंने जानी एक बूंद की कीमत प्यासे गले खातिर तभी अपने महबूब के आंसुओं की कद्र करता हूं
कभी मेरी मेहमानवाजी से रूबरू हो तो पता चले मैं दरवाजे पर आँखें नहीं दिल बिछाकर रखता हूं
13
कभी मेरा कभी मेरे सब्र का इम्तिहान लेते हो क्यों भला यूं रफ्ता~रफ्ता मेरी जान लेते हो
कई दफ़ा फूल खिलने में ज़माने लग जाते हैं क्यों वक्त से पहले खुशबू का दाम लेते हो
एक मैं हूं कि अपनी कमियां जान नहीं पाया तुम तो शायरी में खूबियां मेरी पहचान लेते हो
बहुत थक चुका हूं अब कदम नहीं संभलते, तुम कलाई के कंगन भी अदब से थाम लेते हो
दिल से मैं ख़ुद को कहीं भी खर्च कर देता हूं तुम दिमाग़ से सोच समझ के सब काम लेते हो.
14
हां कोई शख़्स किसी के जीने की वजह हो सकता है बिन पानी के कपड़े का दाग कोई कैसे धो सकता है दूर रह कर ख्याल रखते हो ये काफी है, पर ध्यान रहे ना मिले मां का साथ तो बच्चा हौंसला खो सकता है
0 टिप्पणियाँ