Shayari for Girlfriend In hindi | Shayari in hindi
Shayari for Girlfriend |
1.
यह अजीब है जिन्दगी हमें कैसे कैसे रंग दिखाती है उम्र घटती है हमारी तब कहीं ये जाकर समझ आती है
हर कोई परेशानियों से घिरा है वो वक्त कब सही होगा हम सिर्फ अंदाजा लगाते घड़ी हमे सही वक्त बताती है
प्रेमी कैसा भी हो प्रेम तो उस को रब का दर्जा देता है देखा मैंने मां पिता को खाना खिलाकर खाना खाती है
सदियों से चल रही रीत भला कैसे बदल सकता कोई एक दूजे के पूरक है दीए बिन बाती नहीं जल पाती है
पुरुष ने सम्मान किया स्त्री का पुरुष ने ही हनन किया आंख भींद जीत लाया कोई कहीं सीता उठा ली जाती है
2.
मेरे बुरे वक्त संघर्ष की घड़ी में अपने कंधे पर तेरा हाथ चाहता हूं
सोच वो ताज कितना हसीं होगा मेरी काबयाबी की हकदार सिर्फ तू होगी
3.
हमे कुछ बेहतर लिखने खातिर कुछ पढ़ना जरूरी है बदन का साथ चाहिए तो रूह खुश रखना जरूरी है! दुःख से अकेले पार पाना है, पर उनके बिन सब सूना कई दफा हमें अपने रिश्तों से भी मिलना जरूरी है !!
4.
अपनी दो आंखों में चमक तबियत में रवानी रखना जेहन में ना रहूं सही मगर नाम मुंह जुबानी रखना सच्चे शुद्ध प्रेम की विशेषता यही कहती सदा तुम्हे रूप रखो राधा सा रुह को मीरा सी दीवानी रखना
5.
कलम कार हूं तो कागज, कलम को ध्यान से रखा है शब्दों का पाणिग्रहसंस्कार अपनी जुबान से रखा है! ये सच है कि कई दफा मैं खुदको नहीं संभाल पाता मगर उसके दिए हर तौफे को इत्मीनान से रखा है!!
6.
मुनासिब नहीं औरों से राब्ता रखूं तुमसे किनारा कर लूं इश्क एक बार होता है मैं क्यों यह गुनाह दोबारा कर लूं संग-संग रहेंगे निखरेगा रिश्ता, रब भी खुश हो जायेगा आओ तुमको चांद बना दूं और खुद को सितारा कर लूं
7.
ए चाँद कभी तो वक्त से पहले निकल जाया कर रौशनी के लिए दिवाली भी आने को है अब कई गरीबों के घर दीया भी नहीं होता
8.
मेरा दिल तोड़कर भागा तू बुझदिल है कि नहीं टूटा दिल लेकर मेरा जीना मुश्किल है कि नहीं मेरे आंसू नहीं रुकते और तू है कि मुस्कुराता है तू इस कदर बेदर्द है तेरे सीने में दिल है कि नहीं
9.
चलती होगी जिन्दगी किस्मत के उसूलों पर इस बात से कभी हम खौफ नहीं खाते है ! हम तो कलम के वो सिपाही है जो जमी पर रह कर भी ऊपर आसमां को छू जाते है !!
10.
जिन्दगी की भाग दौड़ में सब भाई बंधू दोस्त पीछे छूट जाते है !त्यौहारों पर घर आए परिंदे फिर अपने ठिकाने पर लौट जाते है!!
11.
मेरा लड़ना झगड़ना भी तुमसे ही है मेरी मोहब्बत का वजूद तुमसे ही है ,
खून के रिश्ते तो काफी है मेरे मगर रुह से रूह का सम्बन्ध तुमसे ही है !!
12.
वो मेरे कमरे के बाहर दरवाजे की दहलीज का दुःख सुन, उसे गले लगाकर ढांढस बंधा रहा है,,!
ऐसे महबूब का इंतजार अपने आपमें मेरे प्रेम की उच्च श्रेणी को बयां करता है
उसकी शुद्धता दर्शाता है ऐसे प्रेमी का मिलना मेरे लिए वैसे ही है जैसे खाली रखे गुल्लक की गोद में सिक्का डालकर कोई बच्चा उसके सूनेपन को भर देता है
जैसे एक सूखी टहनी को बारिश की बूंदे मिलने से, नई कोंपल का खिलना होता है!
13.
यार कुछ थोड़ी मेरी तबियत का तो ख्याल कर तू ही तो माली है इस बाग की तू देखभाल कर
बता मैं ही अकेला क्यों डरता रहूं तुम्हें खोने से कुछ तो कभी तू भी मेरे ना होने का मलाल कर
ये तन्हाइयों के भाले बदन को रोज घाव देते है अब बचा लो मुझे अपने आँचल की ढाल कर
हर कदम पर अपनी मोहब्बत का परिचय दूंगा चाहे प्रेम की परीक्षा ले चाहे जितने सवाल कर
पहले दिन से ही तुमको सौंप दिया खुदको मैंने भले अब जिंदा रख मुझे या मेरा इंतकाल कर
14.
रूठी जिन्दगी को मना लूं ,
तेरी उलझने चुरा कर रख लूं
खुद को भी खुश रखूं
तेरे होठों पर मुस्कान सजाकर रख लूं
शानो शोहरत ऊंची रहे ऐसी तो ख्वाईश नहीं की कभी मैने जो तेरा साथ मिले,
पहाड़ तोड़ने का हौंसला बनाकर रख लूं !!
15.
रात भर इंतज़ार किया, तेरी एक झलक का,
दिल की हर धड़कन में है सिर्फ तेरा नाम का,
तेरे बिना अधूरा है ये खुद से किया है वास्ता,
तुझसे ही मिलने की ख्वाहिश है बस तुझसे है ये रिश्ता।
16.
ओ हुस्न, ओ शबाब यार, बता तेरा घर कहां है घर वो ढूंढ लेंगे हम, बता तेरा शहर कहां है।
वो झील सी आंखें, वो बर्फ सी कोमल कमर, जिसकी खोज में हूं, मेरा वो हमसफर कहां।
कहा है वो तकिया जिसकी गोद में सोती हो, वो खूबसूरत सा तुम्हारा बिस्तर कहां है।
हर सुबह निकलती हो इतना सवरकर तुम, कहा मिलोगी तुम तुम्हारा दफ्तर कहां हैं।
अमर हो गया होगा, जिसके साथ हसीं होगी, कहा बीता बचपन, इकलौता वो शजर कहां है।
यूं तो देखती है वो हर कली, हर काटे को वो, जो देखती हो मुझे तुम्हारी वो नज़र कहां है।
17.
नहीं परवाह मुझे दुनिया की मेरी अपनी है राह अलग सी,
अंधाधुंध चकाचौंधी मुबारक जिन्हें ख्वाहिश बादशाही की ।
सब मुस्कुराते रहें मेरे कारवां में,, है मेरी चाहत अलग सी,
बाद बीते वक्त के दिलों की महफिलों में मेरी यादें हो बाकी।
18.
काश जो मुमकिन नहीं उसका ख्वाब ना आए या फिर हकीकत में रूबरू हो जाऊं उससे ।
कोई तो वजह हो मेरे साथ चलने की, या फिर कदम ही ना बढ़ाएं मेरे साथ सफ़र में।
किसी से लंबी बातें हो आंखो ही आंखो में, या फिर मुंह फेर कर ही चला जाए।
कोई एहसास दिलाए अपनी मौजूदगी का हमें, या फिर वक्त के साथ गुजरता चला जाए।
कोई नई इबारत लिखदे ज़िंदगी की किताब में, या फिर दूर से ही अलविदा कह जाए।
19.
लब पर ठहर जाते लफ्ज़ सारे मुंह से कुछ कहा जाता भी नहीं, कुछ अपनाइयत सी तुमसे है कोई वास्ता नज़र आता भी नहीं।
घुटन होने लगी इस शहर में और देर यहां रुका जाता भी नहीं, साल गुजर गए पल में आज ख्याल है की गुजर जाता भी नहीं।
केफ़ीयत ऐसी इस इश्क में जीना मुश्किल मरा जाता भी नहीं, हाल ए दिल जाहिर करना मुश्किल ख़ामोश रहा जाता भी नहीं।
मंजिल सामने खड़ी थकन ऐसी दो कदम चला जाता भी नहीं, शौहरते सब हासिल है अब चाहिए क्या समझ आता भी नहीं।
20.
नदी सी बलखाती कमर पर.... हाथ की नाव चलाई थी।
हां एक सख्स पे हमने.... रूह तक अपनी लुटाई थी।।
21.
न हारा है इश्क न दुनिया थकी है,
दिया जल रहा है हवा चल रही है,
सुकून ही सुकून है खुशी ही खुशी है,
तेरा ग़म सलाम
त मुझे क्या कमी है।
22.
यू न रहो तुम हमसे ख़फ़ा,
माफ़ कर दो हमको ज़रा,
गलती किये है मानते है हम,
उस गलती की न दो ऐसी सज़ा।
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